मुसाफ़िर हूँ चला जाऊँगा आज बाग़ों में खिल रहा हूँ कल यहीं बिखर जाऊँगा जाते-जाते महक जाऊँगा । 🌸 न किसी से कोई शिकवा है न ही किसी से गिला करूँगा अगर किसी को मुहब्बत है उसकी यादों में रह जाऊँगा । #बज़्म