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गौरैया दिवस पर पुकार करती एक रचना World Sparrow Da

गौरैया दिवस पर पुकार करती एक रचना
World Sparrow Day

रामा, व्याकुल मन करे पुकार..
कहाँ है गोरैया का संसार,
फुदकती, तिनके तलाशती..
घोंसलों का जो करती निखार !

चों चों चीं चीं का मिटा दुलार..
कहाँ है अब चिड़ियों का संसार,
बैठकर जुगलबंदियां बुनती..
एक स्वर में करती बातें हजार !

रामा, किसने किया तिरस्कार..
किसने बंद किये चिड़ियों के द्वार?
चंद दानों को चुगती ओ उड़ती..
किसने रोकी चिड़ियों की रफ़्तार?

मानव करें विनती बारम्बार..
अब हम करेंगे सेवा सत्कार,
भूलचूक क्षमा करों रघुनन्दन..
बसाओं चिड़ियों का नव संसार !

कवि आनंद दाधीच, बेंगलुरु, भारत

©Anand Dadhich #worldSparrowDay #kaviananddadhich #poetananddadhich #hindipoetry #poemsonsparrow
गौरैया दिवस पर पुकार करती एक रचना
World Sparrow Day

रामा, व्याकुल मन करे पुकार..
कहाँ है गोरैया का संसार,
फुदकती, तिनके तलाशती..
घोंसलों का जो करती निखार !

चों चों चीं चीं का मिटा दुलार..
कहाँ है अब चिड़ियों का संसार,
बैठकर जुगलबंदियां बुनती..
एक स्वर में करती बातें हजार !

रामा, किसने किया तिरस्कार..
किसने बंद किये चिड़ियों के द्वार?
चंद दानों को चुगती ओ उड़ती..
किसने रोकी चिड़ियों की रफ़्तार?

मानव करें विनती बारम्बार..
अब हम करेंगे सेवा सत्कार,
भूलचूक क्षमा करों रघुनन्दन..
बसाओं चिड़ियों का नव संसार !

कवि आनंद दाधीच, बेंगलुरु, भारत

©Anand Dadhich #worldSparrowDay #kaviananddadhich #poetananddadhich #hindipoetry #poemsonsparrow