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तुम तो कच्चा सौदागर निकले अपना जीवन लुटाकर निकले

तुम तो कच्चा सौदागर निकले
अपना जीवन लुटाकर निकले 
देख अपने उजड़े हुए घर को
जाने क्या क्या गवाकर निकले
तुम तो कच्चा.......
सेखी बघारते हो सिर्फ़ घर में
अपने हाथों सब जलाकर निकले
संस्कार नीलाम हुआ जिसके लिए
उसकी अर्थी को सजाकर निकले
तुम तो कच्चा.......
क्यों रो रहे हैं ये मां बाप खूनी आंसू
फुंसी को फोड़ा बनाकर निकले
आग लगा था तो धुआं क्यों नहीं देखा
"सूर्य" आज कालिख लगाकर निकले
तुम तो कच्चा.......

©R K Mishra " सूर्य "
  #कालिख  Sethi Ji Rama Goswami poonam atrey Anshu writer PRIYANK SHRIVASTAVA 'अरमान'