बढ़ो आगे हौसला बुलंद है, करता समझौता ज़रूरतमंद है, विकल्पों पर रखो अब पैनी नज़र, ख़ामखा लड़ना नहीं अब जंग है, राम आए हैं हमारे द्वार पर, हुआ भगवामय हमारा रंग है, ख़ुशी से अभिभूत है मेरा हृदय, चाहिए क्या और जब प्रभु संग है, हो रहे एकत्र जय श्रीराम कर, नई ऊर्जा है नई उमंग है, आज भारतवर्ष है उत्कर्ष पर, देखकर दुनिया अभी से दंग है, प्रेम और विश्वास गुंजन भरा मन में, भावनाओं में घुला अब भंग है, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #हौसला बुलंद है#