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कि क्या खोया मैंने मैं ये सोचता रहा. चेहरे पर माय

कि क्या खोया मैंने मैं ये सोचता रहा.
 चेहरे पर मायूसी नम आंखों से खोजता रहा..
 मिलेगी फिर न जाने क्यों दिल कहता है.
खुद के बनाए जाल में मै खुद फसता रहा..

©Rajni kant dixit
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