Nojoto: Largest Storytelling Platform

ढलता सूरज तपती धरती राह निहारे बारिश की । बूँद-बू

ढलता सूरज तपती धरती 
राह निहारे बारिश की ।
बूँद-बूँद को तरसे राही 
धरातल तरसे पानी को ।
गाछ-वृक्ष सब सूख रहे
अम्बर की ओर है ताक रहे ।
अब तो कुछ बूंदें बरसा जा 
धरा की प्यास बुझाता जा।

©Rupam sinha
  #Ambitions  Jugal Kisओर Praveen Jain "पल्लव" SIDDHARTH.SHENDE.sid waah_Anshuman Naveen Chauhan