हां! आज शिक्षा मार्ग भी संकीर्ण होकर क्लिष्ट है, कुलपति सहित उन गुरुकुलो का ध्यान ही अवशिष्ट है। बिकने लगी विद्या यहां अब , शक्ति हो तो क्रय करो , यदि शुल्क आदि न दे सको तो मूर्ख रहकर ही मरो । । ©Arpit Mishra भारत भारती