White तुम्हारी सादगी का गीत तुम एक नदी हो, जो घर की मिट्टी मे बहती हो, हर कोने में अपना आँचल बिछाती हो, दीवारों में गूँजती तुम्हारी हँसी, हर सुबह को सूरज सा चमकाती हो। तुम्हारे हाथों की रोटी में स्नेह है, तुम्हारे आँचल में धूप और छाँव का मेल है, तुम्हारी आँखों में बच्चों का संसार है, और दिल में हर रिश्ते का सार है। तुम्हें न गुमनाम शहरों की चाह, न महल, न मीलों लंबी राह, बस चूल्हे की आग तुम्हारी रोशनी है, और घर की दहलीज तुम्हारी दुनिया बनी है। तुम्हारी साड़ी में लिपटा है आकाश, हर रंग को तुमने दिया है विश्वास, चाहे लाल हो, हरा या नीला, हर छवि में बस तुम ही हो। तुम रानी हो, हर कपड़े की शोभा हो, तुममें बसती है जीवन की हर रचना, तुम्हारी मुस्कान एक दुआ है, तुम्हारे होने से घर जन्नत हुआ है। तुम सिर्फ "तुम" हो, इस संसार की कविता हो, तुम्हारे बिना अधूरी है हर रचना। तुम एक कहानी हो, जो कभी खत्म न होगी, तुम एक कविता हो, जो दिलों में अमर रहेगी। 🖋 करन मेहरा ©Karan Mehra #love4life