ये दर्द प्रेम का कांच की किरंचियो जैसा है , जो धीरे धीरे जख्म बना देती है और नजर भी नही आती। इसे सहना भी मुश्किल है और कहना भी , इसे पाना भी नही है और छोड़ना भी नही। ये सुकून भी है और मन की बेचैनी भी, ये चाहत भी है और जुनून भी। (चाहत) ©Chahat Kushwah #the fusion love