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मुझको निष्ठुर कह डाला, खुद को है निष्पाप किया। गलत

मुझको निष्ठुर कह डाला,
खुद को है निष्पाप किया।
गलती करने वाले कहते,
जाओ तुमको माफ किया।।

दिन मैं भी भुला तो नही हूं।
उन बेमतलब रातों के।
जब बेमतलब मतलब निकले,
मेरे सब हालातों के।

अपनी केंचुली मुझको देकर,
अपना दामन साफ किया।
गलती करने वाले कहते,
जाओ तुमको माफ किया।

प्रेम को पूजा,तुमको देवता,
कर के क्या पाया हमने।
विरह योग तड़पे फिर ,
मन का मंदिर ढाया हमने।

पुण्य कर्म सब उसके निकले,
मेरे हिस्से पाप दिया।
गलती करने वाले कहते,
जाओ तुमको माफ किया।।

जाओ रातों को उठ उठ कर,
गीत मेरे तुम गाओगे।
नज्में मेरी याद आयेंगी ,
जब गालों को सेहलाओगे।

आखिर मैं भी दीवाना था,
बस इतना ही अभिशाप दिया।
गलती करने वाले जाओ,
तुमको हमने माफ किया।।

निर्भय चौहान

©निर्भय चौहान
  #retro  Rakhee ki kalam se  Vishalkumar "Vishal" Kumar Shaurya Snehi Uks NIKHAT (दर्द मेरे अपने है )