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नींद (Full Poem in caption) //नींद// कहीं टूटी

नींद 

(Full Poem in caption) //नींद//

कहीं टूटी है, कहीं सिमटी है
कुछ सादी है, कुछ खारी है 
वैसे हल्की है, जैसे भारी है।।

यहीं ख़ालिस है, यहीं नक़ली है 
वही बाक़ी है, वही कामिल है
नींद 

(Full Poem in caption) //नींद//

कहीं टूटी है, कहीं सिमटी है
कुछ सादी है, कुछ खारी है 
वैसे हल्की है, जैसे भारी है।।

यहीं ख़ालिस है, यहीं नक़ली है 
वही बाक़ी है, वही कामिल है
calmkazi6439

CalmKazi

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//नींद// कहीं टूटी है, कहीं सिमटी है कुछ सादी है, कुछ खारी है वैसे हल्की है, जैसे भारी है।। यहीं ख़ालिस है, यहीं नक़ली है वही बाक़ी है, वही कामिल है #yqdidi #yqhindi #ishfaq #calmkaziwrites