पाप मैंने कई किये और उनके फल भी उसी अनुपात में भुगते फिर पश्चाताप करने के लिये मैंने पुण्यो की तरफ कदम भी बढ़ाये किन्तु मेरे किसी भी पुण्य का मुझे कोई अनुकूल नतीजा नही मिला यध्यपि जरूरी है कि. जीवन में पाप और पुण्य का एक संतुलन हमेशा कायम रहे ©Parasram Arora पाप पुण्य का संतुलन