बारिश की बरसती बूंदे चलें हम आंखें मूंदे छप छपाक करते, लड़ते झगड़ते गिरते पड़ते फिर उठते दुनियादारी से कोसों दूर बारिश में भीगने का शरूर प्रकृति की अनुपम रचना बादल बारिश मेघ गरजना गांव शहर या नगर डगर हर जगह वर्षा की लहर सड़कों गलियों गढ्डों में होता पानी बारिश का उछल कूद करते दौड़ते फिरते आंनद लेते जीवन का,,,,, #बारिश की #बरसती #बूंदे चलें हम आंखें मूंदे छप छपाक करते, लड़ते झगड़ते गिरते पड़ते ,,,,,,,,फिर उठते दुनियादारी से कोसों दूर बारिश में #भीगने का शरूर