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"आ जाना प्रिय आ जाना! अपनी एक हँसी में मेरे आँसू ल

"आ जाना प्रिय आ जाना!
अपनी एक हँसी में मेरे आँसू लाख डुबा जाना!
फैला वन में घन-अन्धकार, भूला मैं जाता पथ-प्रकार-
जीवन के उलझे बीहड़ में दीपक एक जला जाना।
सुख-दिन में होगी लोक-लाज, निशि में अवगुंठन कौन काज?
मेरी पीड़ा के घूँघट में अपना रूप दिखा जाना।
आ जाना प्रिय आ जाना!"¹

©HintsOfHeart.
  #अज्ञेय   #जन्मजयंती ( 07 March 1911)
1. सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' - हिन्दी में अपने समय के सबसे चर्चित कवि, कथाकार, निबन्धकार, पत्रकार आदि।
rashmi24feb8438

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अज्ञेय   #जन्मजयंती ( 07 March 1911) 1. सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' - हिन्दी में अपने समय के सबसे चर्चित कवि, कथाकार, निबन्धकार, पत्रकार आदि। #कविता

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