सम्मुख असंख्य बाधाएँ हैं, गरदन मरोड़ते बढ़े चलो, अरुणोदय है, यह उदय नहीं, चट्टान फोड़ते बढ़े चलो। आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस कवि, लेखक व ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित राष्ट्रकवि "रामधारी सिंह 'दिनकर' जी" की जयंती पर सादर नमन करता हूँ। #कवि #RamdhariSinghDinkar ©Kavi Aditya Shukla #Nojoto #Like #follow