मुझे हो गया भरोसा तुझको ख़बर है मेरी मैं चाहे भूल जाऊँ तुमको फिकर है मेरी अहसास बनके मेरे दिल में करो बसेरा दीदार की पिपासा शामो सहर है मेरी होता है जब अँधेरा तुम बनते हो उजाला तुझको न देख पाती पापी नज़र है मेरी अपना तो न ठिकाना सारे जहाँ में कोई तेरे ही आसरे से चलती गुजर है मेरी जाने क्या हाल होता दर दर की ठोकरों से तूने संभाला जब से घर घर कदर है मेरी अब तक तो थामे रख्खा आगे भी थाम लेना भव से लगा किनारे नैया भँवर है मेरी पहला ही नाम तेरा मेरी जुबाँ पे आये तेरे चरण की दासी सारी उमर है मेरी ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #श्रीकृष्ण भजन