नफरत करो या , करो तुम प्यार, तुमसे अब भी, हम रूठे नही सरकार। रूह मेरी ये , असीम मोड़ लेकर आएगी, हल्की सी हवा, तुम्हारे कानो में गुनगुनाये गी, शक नही इसमें, इल्जाम लगाओगी हजारों बार, मैने तुमसे प्रेम किया , जिसे लोग कहते ह् प्यार। ombir phogat #poem 9