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नवल उषा की प्राची में सूर्यदेव दैदीप्यमान। प्रखर ओ

नवल उषा की प्राची में
सूर्यदेव दैदीप्यमान।
प्रखर ओज से सिंचित साधू
प्रातः करते उन्हें प्रणाम।
तरु-पल्लव डोले हिल डुलकर
खग-मृग-मधुकर गाते यशगान।
अर्ग चढ़ाती नदी नीर से
सूर्य किरण को प्रतिबिंबित कर।
पर्वत,दर्पण बन देते सम्मान।
नवल उषा की प्राची में
सूर्यदेव दैदीप्यमान।
प्रखर ओज से सिंचित साधू
प्रातः करते उन्हें प्रणाम।
ॐ सूर्याय नमः। आदित्याय नमः। भाष्कराय नमः।

©ऋतुराज पपनै #sunrays 
नवल उषा की प्राची में
सूर्यदेव दैदीप्यमान।
प्रखर ओज से सिंचित साधू
प्रातः करते उन्हें प्रणाम।
तरु-पल्लव डोले हिल डुलकर
खग-मृग-मधुकर गाते यशगान।
अर्ग चढ़ाती नदी नीर से
नवल उषा की प्राची में
सूर्यदेव दैदीप्यमान।
प्रखर ओज से सिंचित साधू
प्रातः करते उन्हें प्रणाम।
तरु-पल्लव डोले हिल डुलकर
खग-मृग-मधुकर गाते यशगान।
अर्ग चढ़ाती नदी नीर से
सूर्य किरण को प्रतिबिंबित कर।
पर्वत,दर्पण बन देते सम्मान।
नवल उषा की प्राची में
सूर्यदेव दैदीप्यमान।
प्रखर ओज से सिंचित साधू
प्रातः करते उन्हें प्रणाम।
ॐ सूर्याय नमः। आदित्याय नमः। भाष्कराय नमः।

©ऋतुराज पपनै #sunrays 
नवल उषा की प्राची में
सूर्यदेव दैदीप्यमान।
प्रखर ओज से सिंचित साधू
प्रातः करते उन्हें प्रणाम।
तरु-पल्लव डोले हिल डुलकर
खग-मृग-मधुकर गाते यशगान।
अर्ग चढ़ाती नदी नीर से