Nojoto: Largest Storytelling Platform

अपने पराये के मुगालते मे गर न ठहरी होती जिंदगी तो

अपने पराये के मुगालते मे गर न ठहरी होती जिंदगी 
तो कोई मुकाम ऐसा न होता  जो हमें हासिल न होता

©Kamlesh Kandpal
  #mukaam