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है ये सावन महीना, सज गए मंदिर शिवालय बज रहे हैं ढ

है ये सावन महीना, सज गए मंदिर शिवालय
बज  रहे हैं ढोल ताशे,शिवजी चले गौरा को व्याह ने
डाले गले सर्पों की माला, देह पर भस्मी सजाए
मृग छाला उनको पहनाकर,शिवजी को दुल्हा बनाए

बज रहे हैं ढोल ताशे,शिवजी चले  गौरा को व्याह ने

सज गई बरात सारी,नंदी पर शिवजी विराजे
है अनूठी बारात शिव की,देवता गण भी पधारे

बज रहे हैं ढोल ताशे, शिवजी चले गौरा को व्याह ने

हाथों में मेहंदी लगाकर, फूलों से करें श्रंगार उनका
लाल चुनर उनको उड़ाकर,माता को दुल्हन बनाए

बज रहे हैं ढोल ताशे,शिवजी चले गौरा को व्याह ने 
है ये सावन महीना, सज गए मंदिर शिवालय ।

©Nature Lover Asha Khanna #mahashivratri शिव का विवाह
है ये सावन महीना, सज गए मंदिर शिवालय
बज  रहे हैं ढोल ताशे,शिवजी चले गौरा को व्याह ने
डाले गले सर्पों की माला, देह पर भस्मी सजाए
मृग छाला उनको पहनाकर,शिवजी को दुल्हा बनाए

बज रहे हैं ढोल ताशे,शिवजी चले  गौरा को व्याह ने

सज गई बरात सारी,नंदी पर शिवजी विराजे
है अनूठी बारात शिव की,देवता गण भी पधारे

बज रहे हैं ढोल ताशे, शिवजी चले गौरा को व्याह ने

हाथों में मेहंदी लगाकर, फूलों से करें श्रंगार उनका
लाल चुनर उनको उड़ाकर,माता को दुल्हन बनाए

बज रहे हैं ढोल ताशे,शिवजी चले गौरा को व्याह ने 
है ये सावन महीना, सज गए मंदिर शिवालय ।

©Nature Lover Asha Khanna #mahashivratri शिव का विवाह

#mahashivratri शिव का विवाह #कविता