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natureloverashak7601
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Nature Lover Asha Khanna

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Nature Lover Asha Khanna

जितना आप दूसरों में अवगुण देखेंगे, उतना ही आप पर अवगुणों का 
असर पड़ेगा।
इसलिए गुण ग्राही बनो।

©Nature Lover Asha Khanna 
  #boat सुविचार

#boat सुविचार

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Nature Lover Asha Khanna

#Garmiyaan vichar
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Nature Lover Asha Khanna

जिस दिन आप ने जिंदगी को खुल कर जी 
लिया वही दिन आप का है।बाकी तो सिर्फ कलेंडर की 
तारीखें हैं।

©Nature Lover Asha Khanna 
  #chocolateday जिंदगी

#chocolateday जिंदगी #विचार

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Nature Lover Asha Khanna

है ये सावन महीना, सज गए मंदिर शिवालय
बज  रहे हैं ढोल ताशे,शिवजी चले गौरा को व्याह ने
डाले गले सर्पों की माला, देह पर भस्मी सजाए
मृग छाला उनको पहनाकर,शिवजी को दुल्हा बनाए

बज रहे हैं ढोल ताशे,शिवजी चले  गौरा को व्याह ने

सज गई बरात सारी,नंदी पर शिवजी विराजे
है अनूठी बारात शिव की,देवता गण भी पधारे

बज रहे हैं ढोल ताशे, शिवजी चले गौरा को व्याह ने

हाथों में मेहंदी लगाकर, फूलों से करें श्रंगार उनका
लाल चुनर उनको उड़ाकर,माता को दुल्हन बनाए

बज रहे हैं ढोल ताशे,शिवजी चले गौरा को व्याह ने 
है ये सावन महीना, सज गए मंदिर शिवालय ।

©Nature Lover Asha Khanna #mahashivratri शिव का विवाह

#mahashivratri शिव का विवाह #कविता

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Nature Lover Asha Khanna


कविता - मेरा मन
द्वारा - आशा खन्ना 

मेरा स्वछन्द ये चंचल मन 
उन्मुक्त पवन सा उडता ये मन

कभी इधर भटकता, उधर भटकता
चहूँ और अपनी ये दृष्टि रखता 
नहीं किसी की सुनता मन
उन्मुक्त पवन सा उड़ता मन

ख़्याबो ख्यालो का मालिक है  ये 
कल्पनाओ में आसमान को छू ले
अगले ही पल आँसू से रो ले
 सहज, सुन्दर, निर्मल ये मन
उन्मुक्त पवन सा उड़ता मन

विषय भोग की तरफ बढने लगेगा 
चला नही जो अपने लक्ष्य पथ पर 
भटकता रहेगा यूही दर बदर 
मचलता और सम्भलता ये मन 
उन्मुक्त पवन सा उड़ता मन

कभी शान्त लहरो  सा मन
 कभी आत्मग्लानि से भर जाता है 
कभी उलझे रास्तो को ढूढता ये मन
मेरे सपनो को पंख लगाकर 
उन्मुक्त पवन सा उड़ता ये मन।

©Nature Lover Asha Khanna 
  #Doobey मेरा मन

#Doobey मेरा मन #कविता

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Nature Lover Asha Khanna


शीषर्क - - सावन को आज बरसने दो 
द्वारा - आशा खन्ना

सावन को आज बरसने दो 
रिमझिम बारिश की बूँदो में 
इन्द्रधनुष को बनने दो
सतरंगी छटाओं में 
रंगो को और बिखरने दो
सावन को आज बरसने दो

खिल गई हर डाली-डाली
नवयौवन का आगाज हुआ
प्रकृति का नव श्रंगार हुआ,
धरा को और संवर जाने दो
सावन को आज बरस जाने दो

दादूर, मोर, पपीहा राग अलापे
पक्षी भी कुछ गुनगुन गाये
आनन्दित हुए सभी मोर मृग
नदी तालाब सब भर जाने दो
सावन को आज बरस जाने दो

सूखे सभी घास और पत्ते
सूखे सभी नदी और नाले
गर्मी से त्रस्त हुई धरती को
वर्षा में भीग तृप्त हो जाने दो
सावन को आज बरस जाने दो

यही समय है वृक्षा रोपण करने का 
नव अंकुर विकसित होने का 
धरती को वृक्ष अच्छादित होने दो
 जीवन को ओर निखरने दो 
सावन को आज बरसने दो 

मत कटने दो इन वृक्षो को 
वृक्षविहिन धरती प्यासी रह जायेगी 
बिन वृक्षो के सावन कैसे बरसेगा
अतृप्त धरा को तृप्त आज हो जाने दो 
सावन को आज बरस जाने दो।

©Nature Lover Asha Khanna 
  #chocolateday सावन

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Nature Lover Asha Khanna

मेरे गीत

मेरे गीत #शायरी

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Nature Lover Asha Khanna

बचपन बीता आई जवानी
हम भूल गए सारी शैतानी
पीछे छूटी दोस्ती यारी
याद रह गई जिम्मेदारी
बचपन जैसा अब हंसना चाहे
खिलखिला कर  अब हंसना पाए
 कोई नहीं अब साथ हमारे 
बिछड़ गए वो दोस्त पुराने ।

©Nature Lover Asha Khanna 
  #Iqbal&Sehmat bachpan beeta aai jabanee

#iqbal&Sehmat bachpan beeta aai jabanee #कविता

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Nature Lover Asha Khanna

प्रेम सब से करो ,भरोसा केवल खुद पर करो
सम्मान सब का करो ,अपमान अपना भी मत सही
जिंदगी के सफर में , उतार चढाव तो आते जाते रहेंगे ।
निगाह अपने लक्ष्य पर रखो ।

©Nature Lover Asha Khanna
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Nature Lover Asha Khanna

द्वारा - आशा खन्ना 

मेरा स्वछन्द ये चंचल मन 
उन्मुक्त पवन सा उडता ये मन

कभी इधर भटकता, उधर भटकता
चहूँ और अपनी ये दृष्टि रखता 
नहीं किसी की सुनता मन
उन्मुक्त पवन सा उड़ता मन

ख़्याबो ख्यालो का मालिक है  ये 
कल्पनाओ में आसमान को छू ले
अगले ही पल आँसू से रो ले
 सहज, सुन्दर, निर्मल ये मन
उन्मुक्त पवन सा उड़ता मन

विषय भोग की तरफ बढने लगेगा 
चला नही जो अपने लक्ष्य पथ पर 
भटकता रहेगा यूही दर बदर 
मचलता और सम्भलता ये मन 
उन्मुक्त पवन सा उड़ता मन

कभी शान्त लहरो  सा मन
 कभी आत्मग्लानि से भर जाता है 
कभी उलझे रास्तो को ढूढता ये मन
मेरे सपनो को पंख लगाकर 
उन्मुक्त पवन सा उड़ता ये मन।

©Nature Lover Asha Khanna #Ambitions मन
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