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कृष्ण कृष्ण कृष्ण कण कण कण में कृष्ण है, कृष्ण पाल

कृष्ण कृष्ण कृष्ण कण कण कण में कृष्ण है,
कृष्ण पालक है संसार के,
सृष्टि के रचियता भी कृष्ण है।

यशोदा की डेहरी जो भी ना लांघ पाए,
दो पग में दो युग नाप ले वो कृष्ण है।
कृष्ण कृष्ण कृष्ण.....


बचपन की अठखेली में माटी थी चाटी,
पूरे ब्रह्मांड को मुख में दिखा दे वो कृष्ण है।
कृष्ण कृष्ण कृष्ण........


संखियो के संग ब्रज में जो रास करे,
कालिया नाग नाथ के जो नाच करे वो कृष्ण है।
कृष्ण कृष्ण कृष्ण......

अपने प्रेम से जो चित चुराए संसार का,
क्रोध में जो चक्र लेके दौड़ जाए वो कृष्ण है।
कृष्ण कृष्ण कृष्ण....


अक्षर खड़ी जो सीख रहे मईया से,
महाभारत का जो सार सिखाए वो कृष्ण है।
कृष्ण कृष्ण कृष्ण......

©Sakshi Shankhdhar #DearKanha
कृष्ण कृष्ण कृष्ण कण कण कण में कृष्ण है,
कृष्ण पालक है संसार के,
सृष्टि के रचियता भी कृष्ण है।

यशोदा की डेहरी जो भी ना लांघ पाए,
दो पग में दो युग नाप ले वो कृष्ण है।
कृष्ण कृष्ण कृष्ण.....


बचपन की अठखेली में माटी थी चाटी,
पूरे ब्रह्मांड को मुख में दिखा दे वो कृष्ण है।
कृष्ण कृष्ण कृष्ण........


संखियो के संग ब्रज में जो रास करे,
कालिया नाग नाथ के जो नाच करे वो कृष्ण है।
कृष्ण कृष्ण कृष्ण......

अपने प्रेम से जो चित चुराए संसार का,
क्रोध में जो चक्र लेके दौड़ जाए वो कृष्ण है।
कृष्ण कृष्ण कृष्ण....


अक्षर खड़ी जो सीख रहे मईया से,
महाभारत का जो सार सिखाए वो कृष्ण है।
कृष्ण कृष्ण कृष्ण......

©Sakshi Shankhdhar #DearKanha