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सभी सम्मानित गुरुओं के श्री चरणों सादर शब्द पुष्प

सभी सम्मानित गुरुओं के श्री चरणों सादर शब्द  पुष्पाञ्जलि  
शिक्षक 
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बनकर बाती दीप की,खुद को जलाता है,
पथ प्रदर्शक बन, सुगम राहें सुझाता है।
स्वयं बन विद्यार्थी, हमको सिखाता है,
क्रोध में स्नेह की थपकी लगाता है ।
जोश मे भी होश को खोने नहीं देता,
कुछ कर दिखाने की सदा हिम्मत जगाता है।
तम से बचाता है चेतन रोशनी बनकर,
अंदर छिपी प्रतिभा से वो परिचय कराता है।
माँ बाप प्रभु जैसा सदा व्यवहार करता है,
हर प्रश्न पहेली को,सरल रोचक बनाता है।
उसकी कृपा आशीष अमृत सा छलकता है 
किंतु मिथ्या बोलना उसको अखरता है।
जो तेजस्वी,त्यागी न्यायमूर्ति भाग्य विधाता है,
वही तपस्वी,अनुशासित शिक्षक कहलाता है
पुष्पेन्द्र "पंकज"

©Pushpendra Pankaj
  शिक्षक दिवस विशेष

शिक्षक दिवस विशेष #कविता

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