भेद-भाव के व्यवहार का दस्तक दिया घाव का ऐसा हुआ विस्तार कि मासूमियत हुई लाचार आरोपियों की खान का जुर्मों की दुकान का ऐसा हुआ विस्तार कि अबला हुई लाचार जरा-जरा सी बात का आकार लेती प्रहार का ऐसा हुआ विस्तार कि रिश्ते हुए लाचार दिन दहाड़े लूट का बेगुनाहों के खून का ऐसा हुआ विस्तार कि इंसानियत हुई लाचार ऐसे घिनोने कृत्यों का विलंब से मिले निर्णयों का ऐसा हुआ विस्तार कि समाज हुआ लाचार कानूनी व्यवस्था का राजनीति कि समस्या का ऐसा हुआ विस्तार कि देश हुआ लाचार #लाचार