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​पूष की सर्द रात ढ़ले, ​चल रही थी मै अकेले, ​साँझ त

​पूष की सर्द रात ढ़ले,
​चल रही थी मै अकेले,
​साँझ तो कब की सिमट चुकी थी,
​अँधियारे की चादर ताने,
​दिन-भर के थके-मादे,
​रास्ते भी सुस्ता रहें थें,
​कुहरे की नर्म रजाई के सहारे,
​बस मेरे कदमों के पड़ते पद्चाप,
हर ​दर खटखटा रहे थें रास्तों के,
और..आधी रात के बीच,
​अपनी प्रेमिकाओं के लिए गाये,
​झींगुरों के प्रेमगीत,
गुंजायमान थें चहुँदिश, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे

#शमशान_का_सिपाही..

पूष की सर्द रात ढ़ले,
​चल रही थी मै अकेले,
​साँझ तो कब की सिमट चुकी थी,
​अँधियारे की चादर ताने,
​पूष की सर्द रात ढ़ले,
​चल रही थी मै अकेले,
​साँझ तो कब की सिमट चुकी थी,
​अँधियारे की चादर ताने,
​दिन-भर के थके-मादे,
​रास्ते भी सुस्ता रहें थें,
​कुहरे की नर्म रजाई के सहारे,
​बस मेरे कदमों के पड़ते पद्चाप,
हर ​दर खटखटा रहे थें रास्तों के,
और..आधी रात के बीच,
​अपनी प्रेमिकाओं के लिए गाये,
​झींगुरों के प्रेमगीत,
गुंजायमान थें चहुँदिश, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे

#शमशान_का_सिपाही..

पूष की सर्द रात ढ़ले,
​चल रही थी मै अकेले,
​साँझ तो कब की सिमट चुकी थी,
​अँधियारे की चादर ताने,
akalfaaz9449

AK__Alfaaz..

New Creator

#पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #शमशान_का_सिपाही.. पूष की सर्द रात ढ़ले, ​चल रही थी मै अकेले, ​साँझ तो कब की सिमट चुकी थी, ​अँधियारे की चादर ताने, #yqbaba #yqdidi #yqhindi #bestyqhindiquotes