White दर्द की लय को बढ़ा दो कि मैं ज़िंदा हूँ अभी और इस दिल को दुखा दो कि मैं ज़िंदा हूँ अभी हौसला जीने का होता है पर इतना भी नहीं मुझ को इस की भी सज़ा दो कि मैं ज़िंदा हूँ अभी साया बन कर मैं सलीबों से उतर आया हूँ अब कोई और सज़ा दो कि मैं ज़िंदा हूँ अभी आंसुओ की धारा आँखों से बहती ही रहेगी 'अमित' आख़िरी शम्अ' बुझा दो कि मैं ज़िंदा हूँ अभी ©dilkibaatwithamit दर्द की लय को बढ़ा दो कि मैं ज़िंदा हूँ अभी और इस दिल को दुखा दो कि मैं ज़िंदा हूँ अभी हौसला जीने का होता है पर इतना भी नहीं मुझ को इस की भी सज़ा दो कि मैं ज़िंदा हूँ अभी साया बन कर मैं सलीबों से उतर आया हूँ अब कोई और सज़ा दो कि मैं ज़िंदा हूँ अभी