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बिजली जब जी करता आ जाती हो बिना बताए जाती हो भीग

बिजली

जब जी करता आ जाती हो
बिना बताए जाती हो
भीग पसीने से जाते हम
तुम इतना तड़पाती हो

तेरे आशिक जब से हम सब
बाट जोहते रहतें हैं
तेरे आते ही खुश होते
जाने पर दुःख सहते हैं

इतना कष्ट हुआ ना पहले
जब तुमसे ना नाता था
कोई भी मौसम आता था
इतना नहीं सताता था

बेखुद अब तो तुम बिन मानव
बहुत अधूरा लगता है
नींद नहीं आती रातों में
रात रात भर जगता है

©Sunil Kumar Maurya Bekhud
  #बिजली