डरता हूँ तेरे शबाब में डूब ना जाऊं, बस इतनी पिला साकी मैं शराब में डूब न जाऊं। कितनी पी और कितनी छलकायी, गिनते गिनते हिसाब में डूब ना जाऊं। रिश्ता क्या है मेरा तुझसे ज़माना पूछेगा, मैं इस सवाल के जवाब में डूब ना जाऊं। कल रात सुना था 'सेठी' को शायरी करते, नींद से उठा दो मुझे मैं कहीं ख्वाब में डूब ना जाऊं। #poet #poetry #shayari #shayar #udhaarkelafz