दर ओ दीवार दिल की, अरसों की खावाहिशों से भर गई होंगी। जिंदगी की धूप से कभी रू ब रू करें, शायद! सीली सीली सी गल रही होंगी। प्रीति #जिंदगी #धूप#yqdidi