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न रुक सकती है ये साँसे अपने से न श्वास ले सकते है

न रुक सकती है ये साँसे अपने से 
न श्वास ले सकते है हम अपने से
श्वास तों चलती रहती   स्वतःक्योंकि ये कृत्य हमारा नहीं है
और ये निर्विवाद रूप से सत्य है कि आज तक
एक भी सांस हमने   ली नहीं है
क्योंकि श्वास तों चल रही अपने से
इसिलए तों. ये... नींद मे भी स्वतः चलती
रहती है  अन्यथा हमेँ  नींद क़ो बाधित करते हुए
ख्याल रखना पड़ता  और बार बार  आँख खोल कर देखना पड़ता कि श्वास चल रही है या नहीं
लेकिन हमारी गेहरी  से गहरी नींद मे भी ये बिना
रुके चलती रहती है 
अगर ये श्वास लेना और रोकना हमारे अधिकार क्षेत्र मे होता  फिर  तों खुद क़ो युगो युगो तक हम मरने ही न देते
मौत दरवाज़े पर बैठी रहती और यमराज  अपना सिर पीटता  रहता

©Parasram Arora श्वासो की निरंतरता y
न रुक सकती है ये साँसे अपने से 
न श्वास ले सकते है हम अपने से
श्वास तों चलती रहती   स्वतःक्योंकि ये कृत्य हमारा नहीं है
और ये निर्विवाद रूप से सत्य है कि आज तक
एक भी सांस हमने   ली नहीं है
क्योंकि श्वास तों चल रही अपने से
इसिलए तों. ये... नींद मे भी स्वतः चलती
रहती है  अन्यथा हमेँ  नींद क़ो बाधित करते हुए
ख्याल रखना पड़ता  और बार बार  आँख खोल कर देखना पड़ता कि श्वास चल रही है या नहीं
लेकिन हमारी गेहरी  से गहरी नींद मे भी ये बिना
रुके चलती रहती है 
अगर ये श्वास लेना और रोकना हमारे अधिकार क्षेत्र मे होता  फिर  तों खुद क़ो युगो युगो तक हम मरने ही न देते
मौत दरवाज़े पर बैठी रहती और यमराज  अपना सिर पीटता  रहता

©Parasram Arora श्वासो की निरंतरता y

श्वासो की निरंतरता y #कविता