मुझे अब तक ये मालूम नहीं पड़ा की हम लोग अक्सर जिम्मेदारी ओ के आगे क्यूं घुटने टेक देते है ?? लोगो का नजरिया या लोगो की बातो में आकर खुद अपना नजरिया क्यू भूल जाते है। सादी हो गई बच्चे हो गए और जिम्मेदारी आ गई तो क्या आप अपना सपना भूल जायेंगे भाई जी इससे compromise कहते है ऐसा गीसा पीटा जीवन क्यू जीना जिसमें केवल पैसा हो फैमिली हो पर समय ही ना हो enjoy करने के लिए भाई अपन ने तो डिसाइड कर लिया है घिसा पिटा अपने को जमता नहीं अपुन कुछ अलग इज़ करेगा ज़िन्दगी में चाहे दुनिया इधर की उधर क्यू ना हो जाए। #क्यू घुटने टेकना ????