आज तूम्हारी याद मे ऐ दोस्त तूम्हारी तसविर ही बना डाली ईतनी अच्छी लगी ईतनी अच्छी लगी। के उसे आसूओ से मीटा डाली। फीर हम कुछ पागल से हो गए और ईधर उधर ढुढने लगे तुम्हे फीर समझ आया के दोस्त की जगह कागजो मे नही बलकी दील मे हुवा करते है । पसंद आऐ तो लाईक और सेयर #अफरोज राईटर# like or shaire