White एक बार मै गिरा हूं मुसलसल दलदलों में धंस रहा हूं मुसिबत मुझ पे तारी़ है मै उदास हूं या कोई बिमारी है गुनाह मुसलसल हो रहा है ख़ुदा का खौफ हमारे दिलों से निकल रहा है गुनाह कर के भी दिल नहीं पिघलता ख़ुदा के खौफ में भी एक आंसू नहीं निकलता दुनिया के चका चौंध में खो गया हूँ मै इस गुनाह के दल दल में फंस गया हूँ मै हमारा क्लब स्याह हो गया है हमसे इतना गुनाह हो गया है ©Ahmad Raza #गुनाह