Nojoto: Largest Storytelling Platform
ahmadraza3325
  • 98Stories
  • 136Followers
  • 718Love
    326Views

Ahmad Raza

  • Popular
  • Latest
  • Video
5507a7656b38885f6ceac1ad652df07b

Ahmad Raza

खुशी

कई बार हमारे आस पास के लोग ऐसा भी होते हैं
 के हम बहत मुश्किल और बहत मेहनत कर के 
सब ठीक करने की कोशिस करते है
 कुछ हद तक सब ठीक होने लगत है 
लेकिन कुछ लोगों को अपनी खुशी से ज्यादा 
दूसरों की खुशी मे दिलचस्पी होती है
 लेकिन इसका हरगिज़ ये मतलब नही होता 
के दूसरों की खुशी से उन्हे खुशी मिलती है
 उन्हे तो सिर्फ ये रहता है के वोह शख्स खुश क्यो है 
और उसकी सारी मेहनत सारी कोशिशों 
को चंद बातों से तबाहो बर्बाद कर देता है 
इन सब चीजों से उसको कोई फायदा तो नही होता है 
लेकिन सामने वाले शख्स की सालों की मेहनत 
और सारी खोवाहिशों पर बहत असर होता है 

"बाल मोहन पांडे साहब का एक शेर है न"

खुल के रो लेने से दिल हल्का हो जाएगा क्या
और मुस्कुरा दूंगा तो सब आसान हो जाएगा क्या
 मैं अगर अपनी खुशी से एक दिन भी काट लुं तो 
आप लोगों का बहत नुकसान हो जाएगा क्या
~Ahmad Raza

©Ahmad Raza
  #खुशी
5507a7656b38885f6ceac1ad652df07b

Ahmad Raza

खुशी

कई बार हमारे आस पास के लोग ऐसा भी होते हैं
 के हम बहत मुश्किल और बहत मेहनत कर के 
सब ठीक करने की कोशिस करते है
 कुछ हद तक सब ठीक होने लगत है 
लेकिन कुछ लोगों को अपनी खुशी से ज्यादा 
दूसरों की खुशी मे दिलचस्पी होती है
 लेकिन इसका हरगिज़ ये मतलब नही होता 
के दूसरों की खुशी से उन्हे खुशी मिलती है
 उन्हे तो सिर्फ ये रहता है के वोह शख्स खुश क्यो है 
और उसकी सारी मेहनत सारी कोशिशों 
को चंद बातों से तबाहो बर्बाद कर देता है 
इन सब चीजों से उसको कोई फायदा तो नही होता है 
लेकिन सामने वाले शख्स की सालों की मेहनत 
और सारी खोवाहिशों पर बहत असर होता है 

"बाल मोहन पांडे साहब का एक शेर है न"

खुल के रो लेने से दिल हल्का हो जाएगा क्या
और मुस्कुरा दूंगा तो सब आसान हो जाएगा क्या
 मैं अगर अपनी खुशी से एक दिन भी काट लुं तो 
आप लोगों का बहत नुकसान हो जाएगा क्या

©Ahmad Raza
  #खुशी
5507a7656b38885f6ceac1ad652df07b

Ahmad Raza

खुशी

कई बार हमारे आस पास के लोग ऐसा भी होते हैं
 के हम बहत मुश्किल और बहत मेहनत कर के 
सब ठीक करने की कोशिस करते है
 कुछ हद तक सब ठीक होने लगत है 
लेकिन कुछ लोगों को अपनी खुशी से ज्यादा 
दूसरों की खुशी मे दिलचस्पी होती है
 लेकिन इसका हरगिज़ ये मतलब नही होता 
के दूसरों की खुशी से उन्हे खुशी मिलती है
 उन्हे तो सिर्फ ये रहता है के वोह शख्स खुश क्यो है 
और उसकी सारी मेहनत सारी कोशिशों 
को चंद बातों से तबाहो बर्बाद कर देता है 
इन सब चीजों से उसको कोई फायदा तो नही होता है 
लेकिन सामने वाले शख्स की सालों की मेहनत 
और सारी खोवाहिशों पर बहत असर होता है 

"बाल मोहन पांडे साहब का एक शेर है न"

खुल के रो लेने से दिल हल्का हो जाएगा क्या
और मुस्कुरा दूंगा तो सब आसान हो जाएगा क्या
 मैं अगर अपनी खुशी से एक दिन भी काट लुं तो 
आप लोगों का बहत नुकसान हो जाएगा क्या #खुशी
5507a7656b38885f6ceac1ad652df07b

Ahmad Raza

कभी-कभी ऐसा भी होता है 
की बहुत सारी बातें होती है 
कहने को मगर कह नहीं पाते हैं
 शायद हमें जो कहना है 
वोह जबां से मुकम्मल नहीं हो पाती 
हम उसे किसी से कह नहीं पाते हैं 
या फिर कोई सुनने वाला नहीं होता
 जब अंदर की खामोशी चिंखती है 
तो दिल और दिमाग दोनों सुन पर जाता है
 और इंसान को खामोशी अच्छी लाने लगती है 
पता नहीं क्यों लोग कहते हैं उदास हैं 
‌ एक पंक्ति याद आती है

"कभी खुश हुए तो लिखेंगे क्यों तबीयत उदास रहती है"

©Ahmad Raza #वक्त
5507a7656b38885f6ceac1ad652df07b

Ahmad Raza

कभी-कभी किसी चीज की सदिद जरूरत होती है
 मगर उस वक्त में वोह मयस्सर नहीं होती
 उस वक़्त नही मिल पाता है लेकिन
 बाद मे फिर मिलता है शायद उससे और भी बेहतर 
मगर उस वक़्त तक वोह खोवाहिशें
 दिल के कीसी कोने मे दफ़न हो जाती है
 फिर फर्क नही परता के वह खोवाहिशें
 पूरी हुई भी या नही 
वाशीर बद्र साहब की एक पंक्ति है

" दिल वोह कब्र है जहाँ हर रोज कोई न कोई खोवाहिशें दफ़न हो जाती है "

©Ahmad Raza #वक़्त
5507a7656b38885f6ceac1ad652df07b

Ahmad Raza

वक्त

जिंदगी में ना लोग कहते हैं 

वक्त सब ठीक कर देता है

लेकिन शायद वक्त सब ठीक नहीं करता 

बस उस दर्द में हमें जीना सिखा देता है

हम उस दर्द के साथ जीना सीख लेते हैं 

हां यह बहुत आसान नहीं होता 

लेकिन कहते हैं ना वक्त सब सिखा देता है 

अंदर दर्द का सैलाब उमर रहा होता है 

और चेहरे पर तबस्सुम की कबां

ओढ़ कर सब सह लेते हैं 

उस मुश्किल के आगे बाकी

मुश्किले किसी हवा में उड़ रही 

धूल के मानिंद नजर आती है 

अब किसी नाविना को 

कोई गहरी और काली रात 

कैसे खौफ़ज़दा कर सकती है 

जो बरसों से उस गहरे अंधेरे को 

अपनी पलकों पर बिठाए रखा है

वक्त सब ठीक कर देता है 

शायद वक्त बस उस

अंधेरे में जीना सिखा देता है 

हां यह सब मेरे दोस्तों के तज़ूरबात है

मुझमे दर्द,गम,खुशी एहसासात का 

कोई भी इल्म कोई तजर्बा नहीं है

._.

©Ahmad Raza #वक्त
5507a7656b38885f6ceac1ad652df07b

Ahmad Raza

खामोश रात


जब तारिक अंधेरे रात में
खुद को सोचता हूं 
 तो ख्याल आता है की


 ना मैं एक अच्छा बच्चा था 
 ): जिद्दी और शरारती 

न एक अच्छा शागिर्द
):अजीब सा मुख्तलिफ ख्यालात का 

न एक अच्छा एंप्लॉय
):अपने बॉस की हाँ मे हाँ न मिलने वाला

ना मैं एक अच्छा बेटा बन सका 
):के वालिद - वॉलदैन  की ख्वाहिश पूरी कर सके

ना एक अच्छा भाई बन सका
 ):अपनी बहनों के छोटी-छोटी मुश्किलात हल कर सके

 ना मैं एक अच्छा दोस्त बन सका 
):जो मेरे होने पर कोई खुश हो 

 ना एक अच्छा इंसान बन सका
):जो अपने रब के सामने अशरफुल मखलुकात
होने का सुबूत पेश कर सके |

©Ahmad Raza #खामोश रात

#खामोश रात

12 Love

5507a7656b38885f6ceac1ad652df07b

Ahmad Raza

खामोश रात


जब तारिक अंधेरे रात में
खुद को सोचता हूं 
 तो ख्याल आता है की


 ना मैं एक अच्छा बच्चा था 
 ): जिद्दी और शरारती 

न एक अच्छा शागिर्द
):अजीब सा मुख्तलिफ ख्यालात का 

न एक अच्छा एंप्लॉय
):अपने बॉस की हाँ मे हाँ न मिलने वाला

ना मैं एक अच्छा बेटा बन सका 
):के वालिद - वॉलदैन  की ख्वाहिश पूरी कर सके

ना एक अच्छा भाई बन सका
 ):अपनी बहनों के छोटी-छोटी मुश्किलात हल कर सके

 ना मैं एक अच्छा दोस्त बन सका 
):जो मेरे होने पर कोई खुश हो 

 ना एक अच्छा इंसान बन सका
):जो अपने रब के सामने अशरफुल मखलुकात
होने का सुबूत पेश कर सके |

©Ahmad Raza #खामोश रात

#खामोश रात

15 Love

5507a7656b38885f6ceac1ad652df07b

Ahmad Raza

चाय
सुनें आज चाय पीने का दिल कर रहा है
वही कारवी सी चाय
थोरा कार्वा थोरी मिठी सी
गढ़ी सी दूध पत्ति
अच्छा चले आज मै बनाता हूँ
हा दूध मिल गया
चूल्हा नही जल रहा
ओ रेगुलेटर आन करना भूल गया
हाँ अब जल गया
हमारी दूध पति की शुरुआत हो गई
दुध गुनगुना रहा है 
ऐसा लग रहा है गर्म करने की वजह से मुझे कोष रहा है
थोरा झाग सा आ रहा है
चाय पत्ति दूध मे रख सकते हैं
जानते हैं चाय की शुरुआत कब हुई थी
मैंने रणवीर बरार के शो मे सुना था
 चाय की शुरुआत चीन मे हुई थी
करीब  2700 ईसापूर्व चीन मे
 गर्म पानी पीते वक़्त पत्ति प्याला मे आ गिरा था
तभी पानी का रंग बदल गया और खुशबु भी आने लगी
तभी से लोग चाय पीने लगे
और आज चाय हम इतने फ्लेवर मे पीते हैं
इलाईची कहाँ है
ओह- हो, हाँ हाँ मिल गई
हमेशा नही बनाते हैं मगर पूछते ही मिल जाती है
इलाईची और हल्के अदरक का स्वाद तो चाहिए न
बरी अच्छी खुशबु आ रही है यानी सुगंध
हाँ उर्दु भी अच्छी है जानते हैं
मेरे हाथों की है शायद कर्वि होगी
अब चाय निकालते है गर्मा- गर्म
इसे पहले की ठंडा न हो जाए
.-. यार कुछ दिनों से न मेरी दूसरी प्याली नही मिल रही
 मेरी दूसरी प्याली कहीं गुम हो गई है शायद। 
☕
ओह हो क्या हुआ
आरे भाई उठिए 
रात के ग्यारह बज गए कब से सोये हैं 
खाना भी ठंडा हो  गया अब तो जग जाइये 
कितना सोते है 
यहाँ खाना गर्म कर के खिलाने वाले कोई नही है
 खुद ही गर्म करना होगा
कल ऑफिस भी जना है

©Ahmad Raza #चाय
5507a7656b38885f6ceac1ad652df07b

Ahmad Raza

चाय
सुनें आज चाय पीने का दिल कर रहा है
वही कारवी सी चाय
थोरा कार्वा थोरी मिठी सी
गढ़ी सी दूध पत्ति
अच्छा चले आज मै बनाता हूँ
हा दूध मिल गया
चूल्हा नही जल रहा
ओ रेगुलेटर आन करना भूल गया
हाँ अब जल गया
हमारी दूध पति की शुरुआत हो गई
दुध गुनगुना रहा है 
ऐसा लग रहा है गर्म करने की वजह से मुझे कोष रहा है
थोरा झाग सा आ रहा है
चाय पत्ति दूध मे रख सकते हैं
जानते हैं चाय की शुरुआत कब हुई थी
मैंने रणवीर बरार के शो मे सुना था
 चाय की शुरुआत चीन मे हुई थी
करीब  2700 ईसापूर्व चीन मे
 गर्म पानी पीते वक़्त पत्ति प्याला मे आ गिरा था
तभी पानी का रंग बदल गया और खुशबु भी आने लगी
तभी से लोग चाय पीने लगे
और आज चाय हम इतने फ्लेवर मे पीते हैं
इलाईची कहाँ है
ओह- हो, हाँ हाँ मिल गई
हमेशा नही बनाते हैं मगर पूछते ही मिल जाती है
इलाईची और हल्के अदरक का स्वाद तो चाहिए न
बरी अच्छी खुशबु आ रही है यानी सुगंध
हाँ उर्दु भी अच्छी है जानते हैं
मेरे हाथों की है शायद कर्वि होगी
अब चाय निकालते है गर्मा- गर्म
इसे पहले की ठंडा न हो जाए
.-. यार कुछ दिनों से न मेरी दूसरी प्याली नही मिल रही
 मेरी दूसरी प्याली कहीं गुम हो गई है शायद
☕

ओह हो क्या हुआ
आरे भाई उठिए 
रात के ग्यारह बज गए कब से सोये हैं 
खाना भी ठंडा हो  गया अब तो जग जाइये 
कितना सोते है 
यहाँ खाना गर्म कर के खिलाने वाले कोई नही है
 खुद ही गर्म करना होगा
कल ऑफिस भी जना है 
☕

©Ahmad Raza #चाय
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile