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बीते वक्त से कुछ नहीं सीखा तुमने सिर्फ कुछ पल ही छ

बीते वक्त से कुछ नहीं सीखा तुमने
सिर्फ कुछ पल ही छुड़ाया पीछा तुमने
आज फिर गहरे घाव का शिकार हुए
मिठाई के बदले खा लिया तीखा तुमने
बीते वक्त से........
घाव पे मरहम लगता है जान पे नहीं
अपने कर्मों का पाया नतीज़ा तुमने
लोक लाज शर्म को गिरवी रखकर
मां बाप का शीश किया नीचा तुमने
बीते वक्त से........
संस्कार विहीन प्रगति का सबूत है ये
और खून से जमीन को सींचा तुमने
आज के फ़सल को अब क्या कहूं मैं
"सूर्य" ये कैसी लकीर खींचा तुमने
बीते वक्त से....……

©R K Mishra " सूर्य "
  #खून  Puja Udeshi Rama Goswami Neel Ayesha Aarya Singh Ƈђɇҭnᴀ $ Ðuвєɏ