दर्द बनकर वो सीने में उतर गई। वो एक बेवफा थी जो दिल मे नासूर सा कर गई।। दिल लेकर बो मेरा मुकर गई। वो एक नागिन थी जो जीवन में ज़हर उगल गई।। सीने मे मेरे आग सी सुलग गई। प्यार की आग को रोद कर धुआं ही धुआं कर गई।। काहां है किधर है कुछ पता नहीं। रोशनी चाही थी जीवन में अंधेरा ही अंधेरा कर गई।। गौहर अयूब इटावी ©Gauhar Ayub Etawi अधेरा ही अंधेरा। #horror