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नफरत की जंजीर से कब होंगे हम जुदा इक इंसान ही इं

नफरत  की जंजीर  से कब होंगे हम जुदा
इक इंसान ही इंसान का बन गया खुदा

पहले तो हमसफर बोल के दिल में उतर गया
कठपुतली की डोर अपने हाथो में ले लिया
फिर खूब नचाया उसको अपने इशारे पर
नफरत की आग में उसका जज्बात मर गया

जीते हुए शरीर में एक इंसान दफ्न हुआ
इक इंसान ही इंसान का बन गया खुदा

पहले तो जान छीनी फिर चेहरा जला दिया
फूलों के बागबान को शमशान बना दिया
जिस्म के लालच ने उसे अंधा कर दिया
क्या इश्क ने इंसान को हैवान बना दिया

उसे मारकर कयामत तक जिंदा रहेगा क्या
इक इंसान ही इंसान का बन गया खुदा

पहले गला दबाया फिर शरीर भी काट दिया
क्या उसके घर में कोई औरत नहीं है क्या
तमाशा बना के रख दिया सरे बाजार में
इस जहां में मासूम की जान की कीमत नहीं है क्या

ना लाज बची है उनमें ना है कोई हया
इक इंसान ही इंसान का बन गया खुदा

सोचा ना क्या मुंह दिखायेगा रब के सामने
आया ना उसे तरस किसी की भी आंसू पर
एक जल्लाद था खड़ा इंसानियत के सामने

कभी तो उसके जिंदगी का इम्तेहान होगा
इक इंसान ही इंसान का बन गया खुदा #shraddhawalkar #rip #yqbaba
नफरत  की जंजीर  से कब होंगे हम जुदा
इक इंसान ही इंसान का बन गया खुदा

पहले तो हमसफर बोल के दिल में उतर गया
कठपुतली की डोर अपने हाथो में ले लिया
फिर खूब नचाया उसको अपने इशारे पर
नफरत की आग में उसका जज्बात मर गया

जीते हुए शरीर में एक इंसान दफ्न हुआ
इक इंसान ही इंसान का बन गया खुदा

पहले तो जान छीनी फिर चेहरा जला दिया
फूलों के बागबान को शमशान बना दिया
जिस्म के लालच ने उसे अंधा कर दिया
क्या इश्क ने इंसान को हैवान बना दिया

उसे मारकर कयामत तक जिंदा रहेगा क्या
इक इंसान ही इंसान का बन गया खुदा

पहले गला दबाया फिर शरीर भी काट दिया
क्या उसके घर में कोई औरत नहीं है क्या
तमाशा बना के रख दिया सरे बाजार में
इस जहां में मासूम की जान की कीमत नहीं है क्या

ना लाज बची है उनमें ना है कोई हया
इक इंसान ही इंसान का बन गया खुदा

सोचा ना क्या मुंह दिखायेगा रब के सामने
आया ना उसे तरस किसी की भी आंसू पर
एक जल्लाद था खड़ा इंसानियत के सामने

कभी तो उसके जिंदगी का इम्तेहान होगा
इक इंसान ही इंसान का बन गया खुदा #shraddhawalkar #rip #yqbaba