'नज़रों का खेल' जब झुके नज़र तो दिल घायल, उठने से माइल हो जाता है, जब-जब आता है तेरा ख़याल दिल तेरा क़ाइल हो जाता है। नज़रों का खेल अजब, इनकी गुस्ताख़ियों का नहीं हिसाब, अच्छा-ख़ासा शख़्स भी इनके दरम्याँ साइल हो जाता है। बातों में नहीं इनसा कोई माहिर, देती हैं हर बात का जवाब, ख़ामोशियों में भी अक्सर बैठे-बैठे फिर ताइल हो जाता है। नाराज़गी इनकी ले जाती है दुनिया-जहाँ से कहीं दूर मुझे, मेरे बेचैन दिल को समझाना फिर और हाइल हो जाता है। सुकून इनसे है गर तो बेक़रारियाँ भी कुछ कम नहीं 'धुन', हो जब भी इनकी इनायतें हर मलाल ज़ाइल हो जाता है। ताइल- Profit साइल- Bagger हाइल- Hard, Difficult ज़ाइल- Vanish Rest Zone 'नज़रों का खेल'