जो चिट्ठी मेरी, तेरी ओर हर रोज जाती है उसका जवाब आजतक नहीं आया तेरे शहर की धूल उड़कर आके बताती है तेरा नया सनम आजतक नहीं आया अब जो खाली आई तेरे शहर की हवा बिना धूल के , तो पता चला तुझे इश्क समझ आजतक नहीं आया ©raavi tere shahr ki dhul #sagarkinare