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यु ही नही भिगा मै बारिष मे, कुछ तो बात थी। बरसते ह

यु ही नही भिगा मै बारिष मे,
कुछ तो बात थी।
बरसते हर उस बुंद ने,
छुपा दिया मेरे आँखो मे,
छुपे हर उस आँसू को।
जिनके बह जाणे की,
ना तो कोई वजह थी।
यु ही नही भिगा मै बारिष मे,
कुछ तो बात थी।
हा याद कर कुछ पल,
तूट सा था गया।
पर आँखो मे वही शरारत,
और लबो पे झूटी मुस्कान ,
आज भी थी।
यु ही नही भिगा मै बारिष मे,
कुछ तो बात थी। #NojotoQuote
यु ही नही भिगा मै बारिष मे,
कुछ तो बात थी।
बरसते हर उस बुंद ने,
छुपा दिया मेरे आँखो मे,
छुपे हर उस आँसू को।
जिनके बह जाणे की,
ना तो कोई वजह थी।
यु ही नही भिगा मै बारिष मे,
कुछ तो बात थी।
हा याद कर कुछ पल,
तूट सा था गया।
पर आँखो मे वही शरारत,
और लबो पे झूटी मुस्कान ,
आज भी थी।
यु ही नही भिगा मै बारिष मे,
कुछ तो बात थी। #NojotoQuote