हज़ार ख़्वाहिशों का बोझ लिए चलते हैं, मुझे सदा रहे वो बज़्म हासिल जिसमें तुम हो। राह देखा करे मेरी वह मंजिल जिसमें तुम हो। यूं तो! हजार ख्वाहिशों का बोझ लिए चलते हैं, मगर! हो वह ख्वाहिश मुकम्मल जिसमें तुम हो। ✍️"हुड्डन"🙏 #ख्वाहिशों_का_बोझ