Nojoto: Largest Storytelling Platform

तुम इन लकीरों की बात करती हो। क़िस्मत उनकी भी होते

तुम इन लकीरों की बात करती हो।
क़िस्मत उनकी भी होते है।
जिनके हाथ नहीं होते है।
काश हम दोनों एक दूसरे को मिल जाते 
तो बहुत कुछ बदल जाता।
तेरे और मेरे बीच में तीसरा कोई 
नहीं आता।

©मुसाफिर
  #sparsh