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दाग दिल के कब मिटे हैं, दर्द मिलते जो लिखे हैं। खे

दाग दिल के कब मिटे हैं,
दर्द मिलते जो लिखे हैं।
खेल किस्मत का करे क्या, 
टूट कर तारे गिरे हैं। 
फर्क दिल में वो रखे हैं,
यार मुझको जो मिले हैं।
देख कर अच्छा लगे है,
फूल गुलशन में खिले हैं।
दोस्तों कैसे कहे कुछ,
होठ तो अपने सिले हैं। 
"रैन"को दिन से सदा ही,
 क्यों भला रहते गिले हैं। 
"रैना"

©Rajinder Raina दाग दिल के

#Ring
दाग दिल के कब मिटे हैं,
दर्द मिलते जो लिखे हैं।
खेल किस्मत का करे क्या, 
टूट कर तारे गिरे हैं। 
फर्क दिल में वो रखे हैं,
यार मुझको जो मिले हैं।
देख कर अच्छा लगे है,
फूल गुलशन में खिले हैं।
दोस्तों कैसे कहे कुछ,
होठ तो अपने सिले हैं। 
"रैन"को दिन से सदा ही,
 क्यों भला रहते गिले हैं। 
"रैना"

©Rajinder Raina दाग दिल के

#Ring

दाग दिल के #Ring #शायरी