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बचपन में सुनी परियों की कहानियाँ बड़े होते ही सम



बचपन में सुनी परियों की कहानियाँ 
बड़े होते ही समझ आई ये पहेलियाँ

ये सब थी बचपन की अटखेलियाँ
गुड्डे और गुड़िया बचपन की सहेलियाँ

भर देती थी मैं भी खुशियों से अपना 
घर आँगन जब लेती थीं किलकारियाँ

कभी बेटी कभी बहन और कभी पत्नी 
न जाने कितने रूप में की साझेदारियाँ

नींद खफ़ा हुई जब आँखों से,,तब 
आती गई हमारी जिन्दगी में जिम्मेदारियाँ

फिर भी बद-किस्मत दिल रहा जब कोई 
नहीं समझ पाया मैंने कितनी दी कुर्बानियाँ ।।।— % & ♥️ Challenge-828 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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बचपन में सुनी परियों की कहानियाँ 
बड़े होते ही समझ आई ये पहेलियाँ

ये सब थी बचपन की अटखेलियाँ
गुड्डे और गुड़िया बचपन की सहेलियाँ

भर देती थी मैं भी खुशियों से अपना 
घर आँगन जब लेती थीं किलकारियाँ

कभी बेटी कभी बहन और कभी पत्नी 
न जाने कितने रूप में की साझेदारियाँ

नींद खफ़ा हुई जब आँखों से,,तब 
आती गई हमारी जिन्दगी में जिम्मेदारियाँ

फिर भी बद-किस्मत दिल रहा जब कोई 
नहीं समझ पाया मैंने कितनी दी कुर्बानियाँ ।।।— % & ♥️ Challenge-828 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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swetakumari9595

Sweta

New Creator

♥️ Challenge-828 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें। #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #बदक़िस्मतदिल #KKC828