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चलो कुछ यूँ ही गुजर बसर हो जायेगा ये सफर रास्तो म

चलो कुछ यूँ ही गुजर बसर हो जायेगा 
ये सफर रास्तो में कभी खो जायेगा 
है कितनी काली रातों ने मुझे चोट दिए 
कभी तो मेरा सूरज निकल जायेगा 
जुगनू चमके जिन रातों में , है अँधेरा बहुत 
घुट रही चाँदनी देख चाँद फिर आएगा 
तुम्हे रुकने की आदत नहीं , सम्भलना जरा 
एक ठोकर सब्र का हुनर दे जायेगा 
पंक्षियों को एक डाल की कब परवाह रही , मगर 
तुम्हे ये हुनर बड़ा तड़पायेगा ......"नीर"

©Neeraj Neer
  #andhere