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गर्दिश में जब मेरे सितारे थे, कुछ भी शुभ नहीं

गर्दिश में  जब  मेरे  सितारे थे, कुछ भी  शुभ नहीं  होता था,
कोशिश करके भी मैंने देखा, कुछ भी हासिल नहीं होता था।

देखता रहता  बस स्वपन यही, कोई तो  जीवन में  मेरे आती,
मेरी ड्रीम गर्ल बनकर वो, मेरे सोते हुए किस्मत को  जगाती।

तभी मेरी भाग्य रेखा  स्वप्न सुंदरी बनकर, मेरे जीवन में आई,
सात फेरे लिए संग में हमनें, वो मेरी  जीवन संगिनी कहलाई।
 BKJ D-7 "ड्रीम गर्ल"
60-70 शब्दों में लिखिये।
पंक्तियों की सीमा नहीं है।
समय सीमा :10:20PM-11:00P M
दिनाँक 02.10.2020
#yqbaba #yqdidi 
#ड्रीमगर्ल  #YourQuoteAndMine
Collaborating with ब्रज काव्य जगत
गर्दिश में  जब  मेरे  सितारे थे, कुछ भी  शुभ नहीं  होता था,
कोशिश करके भी मैंने देखा, कुछ भी हासिल नहीं होता था।

देखता रहता  बस स्वपन यही, कोई तो  जीवन में  मेरे आती,
मेरी ड्रीम गर्ल बनकर वो, मेरे सोते हुए किस्मत को  जगाती।

तभी मेरी भाग्य रेखा  स्वप्न सुंदरी बनकर, मेरे जीवन में आई,
सात फेरे लिए संग में हमनें, वो मेरी  जीवन संगिनी कहलाई।
 BKJ D-7 "ड्रीम गर्ल"
60-70 शब्दों में लिखिये।
पंक्तियों की सीमा नहीं है।
समय सीमा :10:20PM-11:00P M
दिनाँक 02.10.2020
#yqbaba #yqdidi 
#ड्रीमगर्ल  #YourQuoteAndMine
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