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इज़हारे इश्क़ का मज़ा दुगना हो गया, जब मेरें खामोश रह

इज़हारे इश्क़ का मज़ा दुगना हो गया,
जब मेरें खामोश रहनें से वो बैचैन हो गया,
जो हर वक़्त कहता था कितना बोलती हो,
आज मेरी ख़ामोशी पर वो उदास हो गया.. #zannat#
इज़हारे इश्क़ का मज़ा दुगना हो गया,
जब मेरें खामोश रहनें से वो बैचैन हो गया,
जो हर वक़्त कहता था कितना बोलती हो,
आज मेरी ख़ामोशी पर वो उदास हो गया.. #zannat#