मैं यायावर खुशियों की मटकी तू नाचती गगन की सतरंगी मैं एक घटा सावन की तू मेघ सम्पूर्ण ग्रीष्म की! मैं एक अनमोल मोती तू अमिट धरा की श्रृंगारकरणी मैं एक लौ दिये की तू तमस-चीरती प्रकाशमयी रानी! मैं अलौकिक मधुरभाषी तू रंजित माधुरी बाँसुरी मैं पहर दोपहर हर्षित गुँजन तू कोकिलवाणी, गान निराली! मैं मृगनयन तेरे आँखों का तारा तू शीतल पूनम की अनोखी चाँदनी मैं अर्पित बालक तेरा लाड़ला-दुलारा तू प्रकृति माँ मेरे हर जन्म की जननी! #मैऔरतू(४) #naturediariesbyarpit #love#nature#mother #yqdidi#yqbaba #mothertongue_verse