रचना दिनांक 7जनवरी 2025,, वार मंगलवार समय दोपहर ग्यारह बजे ्भावचित्र ् ््निज विचार ्् ््शीर्षक ् ्््प्राचीन अर्वाचीन काल में पुरातत्व विभिन्न क्षेत्रों में राजे महाराजे,, प्रेम की प्रेम कहानी गांधाओ में इतिहास में अटूट आस्था रिश्ते में तब्दील हो गई ।्् प्रेम और श्रद्धा से सम्मान प्यार की रंगत में निखार आता है माशूका की याद में ताजमहल हो, या फिर राजमहल रनिवास सजे हैं। राजशाही दरबार में आन बान शान से लहराया परचम, देश विदेश में एक प्रेम मंदिर राजस्थान का जयपुर का गुलाबी शहर से,, मशहूर जोधपुर शहर में भव्य मंदिर निर्माण शिलालेख संग़हालय स्तूप है । सांची बौद्ध धर्म स्मारक है और धार जिले में रानी रुपवती महल खण्डहर में, रानी का महल से नर्मदा नदी दर्शन या फिर सारंगपुर,, और बुरहानपुर का गुलाबी ताजमहल मुमताज महल में उनका प्रेम शब्द से, जन्मा विचार सच में पहला प्राचीन मकबरा था गुलाबी ताजमहल ्् जो आगे चलकर आगरा में पुनः समाहित ताजमहल बना विश्व विख्यात है ्। भारतीय संस्कृति में संस्कार में देखें तो अपने विचार और व्यवहार में, पतित पावनी पवित्रता से अपनी दिशा लेकर एक दुसरे में, प्रेम और समर्पण का स्वरूप ही जिंदगी है। जो किसी राजव्यवस्था में स्थापित स्मारकों में तब्दील हो गई है,, प्रेम शब्द ऐसे कुछ अहम प्रवृत्ति निरन्तर दृष्टि दृश्य और अदृश्य श्रव्य, ,श्रवण माध्यम ,सूर संगीत की लहरियां में डुबा हुआ आनंद मस्ती छाई है।। कही अनकही बातें हो रही यादे कहानी हो या किंवदन्तियां बन गई ,, मेरी स्वरचित रचनाएं पहचान स्मृति पटल में एक जीवंत कलाकृति बनाने वाले आत्ममंथन करना ही जिंदगी है।। दुनिया भर में पर्यटन और तीर्थाटन पर्यटकों से सजाया गया प्रदेश और देश में, बदल रही अर्थ व्यवस्था में आमूल चूल परिवर्तन शील समाज सभ्यता संस्कृति में , संस्कार परिवार में हुआ है सिर्फ भाग्य विधाता सर्वग्य भाव में निश्चल सत्य है।। इन्सान को इन्सान पहले बनाया गया है।। यही सही और सटीक कल्पना ही जिंदगी में एक नव स्वपन कीओर आगे बढ़ो हम तुम्हारे साथ है।। ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद ् 7,, जनवरी,2025 ©Shailendra Anand नये अच्छे विचार Entrance examination Extraterrestrial life आज का विचार ््भावचित्र कवि शैलेंद्र आनंद