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भाव सागर ------------ तालाब को भी समुद्र बनने का

भाव सागर
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तालाब  को भी समुद्र बनने का  हक है।
मजबूर है बेचारा, चारों ओर सङक है ।।

सौम्य रहे स्वभाव, सभी से मिलकर चलिए, 
समस्या उसे है जो स्वभाव मे कङक है।।

 सादा जीवन शैली से ना कोई ईर्ष्या भाव ,
अँगुली उठती वहाँ,जहाँ पर तङक भङक है ।।

बहुत सरल है,दुर्बल को कुछ भी कह देना 
उससे कैसे कहें ,जिसके हाथों मे खङक है ।।
पुष्पेन्द्र" पंकज "




पुष्पेन्द्र "पंकज"

©Pushpendra Pankaj
  भाव सागर

भाव सागर #Poetry

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